Monday, August 15, 2011

अलोक शिखर



१७ मार्च २००८
सोमवार
जय श्री कृष्ण


अलोक शिखर
आनंद निर्झर
मन मौन मधुर
निरखे नटवर

प्रियतम का घर
उज्जवल पथ पर
 अनुग्रह का स्वर
हो नित्य मुखर

तन्मय होकर
               निर्मल होकर           
 सब कुछ पाए
 उसका होकर 

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१५ अगस्त २०११ को लोकार्पित  

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