जय श्री कृष्ण
जन्माष्टमी उत्सव की बधाइयां
नन्द के आनंद भय्यो, जय कन्हैय्या लाल की
जय श्री कृष्ण
यदुनंदन की जय जयकार
माखन प्रेमी का सत्कार
उसके लीला रस में डूबें
जिसकी लीला अपरम्पार
मोरपंख से मुकुट धरा कर
आया निराधार आधार
मुख पर मोहक मधुर कांति है
जिससे छिटके शाश्वत प्यार
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
२५ मार्च २००८ को लिखी
२२ अगस्त २०११ को लोकार्पित
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