Tuesday, July 29, 2014

आलिंगन अनंत का


फूटती हैं 
मुक्त आभा की रश्मियाँ सी 
उसकी 
स्निग्ध तन्मयता से, 

गुदगुदा कर 
छवि सांवरे की,

भाव लहर पर तिरती 

कमलपुष्प पत्ती सी 

कर लेती वह 
आलिंगन अनंत का 

अशोक व्यास 
न्यूयार्क, अमेरिका 
जुलाई २०१४ 

1 comment:

Rakesh Kumar said...

तन्मय करते हैं आपके शब्द पुष्प
आभार