श्री कृष्ण वचन -
"कर्म करने से जीवन खिलता है
सीखने के साथ साथ संतोष मिलता है
अगर तुम्हारे हिस्से की
सारी तृप्ति मैं ही पा जाऊंगा
तो फिर तुम्हारे जीवन की सुन्दरता
तुमको कैसे दिखलाऊँगा
तुम्हारे हिस्से का गीत
तुमको ही गाना है
पहले अपने तक जाना है
फिर मेरे तक आना है"
१७ मार्च २००४ को लिखी पंक्तियाँ
३० जून २०१० को लोकार्पित