Friday, August 12, 2011

हरि-हरि छाया




(चित्र- ललित शाह)

जीवन पथ पर कृपा परिपूर्ण
  अमृत पथ का दरस कराया 
गुरुवचनो में सार समाया
आनंदामृत अंतस उमड़े
 कण-कण, क्षण-क्षण, 
हरि-हरि छाया

अशोक व्यास
१ मार्च २००८ की अभिव्यक्ति
 १२ अगस्त २०११ को आपके लिए प्रस्तुत
 

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