Tuesday, August 30, 2011

श्याम मेरे मैं मान गया


 
कान्हा तेरे द्वार पहुच कर जान गया
 साथ चला तू, श्याम मेरे मैं मान गया 

तेरी लीला ख़त्म नहीं होने वाली
  युग युग तेरी शान, प्रभु पहचान गया
 
 अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका 



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