Sunday, August 21, 2011

मन आनंद आनंद गोवर्धन


मन आनंद आनंद गोवर्धन
कान्हा की लीला नित माखन
 चल प्रेम भाव से बढे चलें
कर अच्युत अर्पित हर एक यतन


अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका 
 २३ मार्च २००८ को लिखी
 l२१ अगस्त २०११ को लोकार्पित

1 comment:

Rakesh Kumar said...

आपका एक एक शब्द आपके भक्तिमय हृदय
के पावन उद्गारों को प्रकट करता है.ऐसा लगता है
जैसे भाव समुन्द्र भक्ति रस के हिलोरे ले रहा हो.

कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर बहुत बहुत
हार्दिक शुभकामनाएँ.