Sunday, August 28, 2011

धीरज की महिमा

   
धीर बिना पूजन नहीं
   धीर बिना नहीं ध्यान
धीरज की महिमा बड़ी
सुनो लगा कर कान
  
धीरज बिन मिलते नहीं
मनमोहन घनश्याम
   बिन धीरज  हो न सके
कभी भक्त निष्काम

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
५ सितम्बर २००९ को लिखी
 २८ अगस्त २०११ को लोकार्पित

    

1 comment:

Rakesh Kumar said...

हृदय में धीरज रखे आपका इंतजार कर रहे हैं, अशोक भाई.
कहतें है गोपियों को श्याम दिलासा देकर गए थे की मै आऊंगा,और गोपियों ने धीरज रख उनका इंतजार किया.
आपने भी कहा था की मैं आऊंगा,इसीलिए धीरज रख कर आपका इंतजार कर रहे हैं.
श्याम ने उद्धव को भेजा गोपियों को समझाने के लिए
और आपने यह पोस्ट.

न्यूयॉर्क में सुना है तूफान आ रहा है.
आपकी तरफ क्या हालचाल है.
न्यूजर्सी में बेटा बता रहा था कि बारिश हो रहीं हैं और बिजली गायब है.