Wednesday, September 21, 2011

ध्यान मोहन का


अमृत बेल
ध्यान मोहन का
शाश्वत सौरभ
वृन्दावन का

नन्दलाल के
लीलारस में
है आनंद
नित्य दरसन का

अशोक व्यास
१९ अक्टूबर २००६ को लिखी
२१ सितम्बर २०११ को लोकार्पित      

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