बैठ कर
उनके पास
मिलता कैसा
अवकाश
थमा देता
जैसे कोई
चंचल इन्द्रियों
की रास
यह असीम में अडिग विश्वास
सरल लगता जीवन बिना प्रयास
क्या सुनती है
उनकी सन्निधि में
अपने विस्तृत रूप की तान
कौन देता है आश्वस्ति
की मिल जाएगा
हर समस्या का समाधान
अशोक व्यास
२० मई २००८ को
(स्वामी श्री परमानंद गिरिजी महाराज के सामिप्य से प्रकट प्रभाव का शब्द चित्र)
1 comment:
यह असीम में अडिग विश्वास
सरल लगता जीवन बिना प्रयास
असीम में अडिग विश्वास ही'शिव'है,कल्याणकारी है.
गुरू चरणों में मेरा सादर नमन.
मेरे ब्लॉग पर आपका इंतजार है ,अशोक भाई.
मुझे विश्वास है आप मुझे निराश नहीं करेंगें.
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