Thursday, June 2, 2011

कृपा की किरण


मोटी मोटी आँखों से देखे मनमोहन
करूणासागर के नैनों में प्रेम का अंजन

देख देख उजियारा कर देता घर-आंगन
सारा कल्मष दूर कर रही कृपा की किरण

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
जून २० ३२००८ की लिखी
२ जून २०११ को लोकार्पित       

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