Tuesday, June 28, 2011

ले शरण श्याम की हर स्थल


अब छोड़ बात निस्सार सकल
ले शरण श्याम की हर स्थल
पा अमृत सेतु साँसों में
संग शाश्वत गान सजा प्रतिपल

यह भोर मधुर मनमोहन संग
कण कण केशव का करूणा रंग
कर नृत्य नया उजियारे का
बाजे श्रद्धा की लय मृदंग

अशोक व्यास
४ अगस्त २००९ को लिखी
२८ जून २०११ को लोकार्पित   

      

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