Tuesday, June 21, 2011

कह डाला सब कुछ



कान्हा चुप
मैं भी चुप
बात हो गयी
यूं ही गुप-चुप
उसने जब संकेत दिया कुछ
मैंने भी
कह डाला सब कुछ

पाने की चाहत
को छोडो
गर तुमको पा लेना
सब कुछ

मैं कान्हा के साथ
सदा हूँ
अब जाकर जाना यह
सचमुच


अशोक व्यास
२६ सितम्बर २००९ को लिखी
२१ जून २०११ को लोकार्पित       
 

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