Saturday, November 6, 2010

याद रहे नित साथ मेरे मनमोहन की

 
 
अमृतमय है याद मधुर मनमोहन की
याद रहे नित साथ मेरे मनमोहन की
पाया है अनमोल खज़ाना प्रेम भरा
करूँ निरंतर बात मेरे मनमोहन की 

अशोक व्यास
१२ दिसंबर २००५ को लिखी
६ नवम्बर २०१० को लोकार्पित

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