Thursday, November 18, 2010

वह खेल दिखाए नए नए

 
मन प्रेम बना सत्कार करे
कान्हामय जग से प्यार करे
वह खेल दिखाए नए नए
करूणामय दृष्टि दुलार करे

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
जून २, २०००४ को लिखी
१८ नवम्बर २०१० को लोकार्पित

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