पांच दोहे
1
भजे कृष्ण मन रात-दिन
दो ऐसा वरदान
नित्य निरंतर सांस में
रहे कृष्ण का ध्यान
2
कृष्ण नाम ले संग में
देखूं सारे रंग
काल खिलाये प्रेम से
उत्सव हो या जंग
3
कृष्ण कृपा की आँख से
देखूं जगत बाज़ार
हर एक कण उल्लास है
हर एक क्रिया में सार
4
मोहन की धुन चाहिए
और ना कोई गीत
पांच सखी घूमो वहीं
जहाँ जहाँ है मीत
5
जब भी डूबूं श्याम में
बढ़ती जाए प्यास
सारी धरती में जगे
ज्यूं आनंदित रास
अशोक व्यास
४ फरवरी १९९५ को लिखे दोहे
१९ अगस्त २०१० को लोकार्पित
1 comment:
बहुत सुन्दर भाव!
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