Sunday, May 15, 2011

आत्म सखा परमात्म सखा


आत्म सखा
परमात्म सखा
दिव्य धरोहर
साथ सखा
 
मुरली मनोहर
साथ सदा
मन प्रेम मगन
दिन-रात सदा
 
केशव करूणा धार बहे
जग महिमा अपरम्पार कहे
 
पावन पथ रसमय 
स्वाद चखा
रख कुञ्ज बिहारी
याद सदा 
 
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१६ अप्रैल २००८ को लिखी
१५ मई २०११ को लोकार्पित    


1 comment:

Rakesh Kumar said...

पावन पथ रसमय
स्वाद चखा
रख कुञ्ज बिहारी
याद सदा

जी हाँ अशोक जी,कुञ्ज बिहारी को सदा याद रखना ही जीवन का अभीष्ठ है.हम उसकी करुणा के अधिकारी हों तो ही जीवन सफल है.
आपके निर्मल भक्ति भाव को प्रणाम.