आत्म सखा परमात्म सखा
आत्म सखा
परमात्म सखा
दिव्य धरोहर
साथ सखा
मुरली मनोहर
साथ सदा
मन प्रेम मगन
दिन-रात सदा
केशव करूणा धार बहे
जग महिमा अपरम्पार कहे
पावन पथ रसमय
स्वाद चखा
रख कुञ्ज बिहारी
याद सदा
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१६ अप्रैल २००८ को लिखी
१५ मई २०११ को लोकार्पित
1 comment:
पावन पथ रसमय
स्वाद चखा
रख कुञ्ज बिहारी
याद सदा
जी हाँ अशोक जी,कुञ्ज बिहारी को सदा याद रखना ही जीवन का अभीष्ठ है.हम उसकी करुणा के अधिकारी हों तो ही जीवन सफल है.
आपके निर्मल भक्ति भाव को प्रणाम.
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