
कृष्ण बड़े गंभीर दिखे
मुख पर गुरु रूप दिखाई दिया
मुस्कान किरण फूटी नन्ही
अमृत पथ शब्द सुने दिया
केशव करुणामय बोल गए
भवबंधन कंद को खोल गए
मुख कान्हा ने अपना खोला
उसमें जग सकल दिखाई दिया
अशोक व्यास,
न्यूयार्क, अमेरिका
( २४ जनवरी २००५ को लिखी, ३१ दिसंबर ०५ को लोकार्पित)
मुख पर गुरु रूप दिखाई दिया
मुस्कान किरण फूटी नन्ही
अमृत पथ शब्द सुने दिया
केशव करुणामय बोल गए
भवबंधन कंद को खोल गए
मुख कान्हा ने अपना खोला
उसमें जग सकल दिखाई दिया
अशोक व्यास,
न्यूयार्क, अमेरिका
( २४ जनवरी २००५ को लिखी, ३१ दिसंबर ०५ को लोकार्पित)