Tuesday, December 15, 2009


उल्लास उजागर लहर लहर
मनमोहन मधुकर आठ पहर
रस प्रेम, कृपा, मन नवल धवल
यमुना तट पर यूँ ठहर ठहर

अविचल मस्ती का परिचय कर
मन उछल रहा भक्ति लय पर
हूँ शरण तेरी ओ मुरलीधर
सब कुछ पाया तुझको पाकर

अशोक व्यास
न्यूयोर्क, अमेरिका
(जून १७, ०८ को लिखी पंक्तियाँ लोकार्पण दिसम्बर १५, ०९)

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