Friday, December 11, 2009

मन दिखलाये लटके झटके




मन लहर लहर बहता जाए
पर श्याम मिलन छूटा जाए
आनंद उतर आए उस पल
जिस पल सुमिरन रस पा जाए




अब तक भटके
इत उत अटके
मन दिखलाये
लटके झटके

चल श्याम पिया
का दरस करें
जग के हर संकट
से हटके



मैं केशव का गुणगान करूं
बंशी वाले का ध्यान धरूं
जिसके चरणन
हर तीर्थ है
उसके चरणों का
ध्यान धरूं


अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका

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