
१
मन लहर लहर बहता जाए
पर श्याम मिलन छूटा जाए
आनंद उतर आए उस पल
जिस पल सुमिरन रस पा जाए
२
अब तक भटके
इत उत अटके
मन दिखलाये
लटके झटके
चल श्याम पिया
का दरस करें
जग के हर संकट
से हटके
३
मैं केशव का गुणगान करूं
बंशी वाले का ध्यान धरूं
जिसके चरणन
हर तीर्थ है
उसके चरणों का
ध्यान धरूं
मन लहर लहर बहता जाए
पर श्याम मिलन छूटा जाए
आनंद उतर आए उस पल
जिस पल सुमिरन रस पा जाए
२
अब तक भटके
इत उत अटके
मन दिखलाये
लटके झटके
चल श्याम पिया
का दरस करें
जग के हर संकट
से हटके
३
मैं केशव का गुणगान करूं
बंशी वाले का ध्यान धरूं
जिसके चरणन
हर तीर्थ है
उसके चरणों का
ध्यान धरूं
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
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