Friday, December 25, 2009

कृपा का अमृत


कृष्ण लिए मुस्कान
जोटते बाट
भक्त उठ
खेल लल्ला के साथ

करुणा मय नैनों से
बरसे
कृपा का अमृत

बढ़ता चल तू
थाम हरी का हाथ

अशोक व्यास
न्यूयोर्क, अमेरिका
२४ फरवरी ०५ कि पंक्तियाँ दिसंबर २५ ०९ को लोकार्पित

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