Friday, April 2, 2010

हो कान्हा के साथ



कृष्ण नाम भज बावरे
छोड़ फांकना धूल
नटवर नागर कृपा से
क्षमा करें सब भूल

भक्ति का है आसरा
और ना दूजी बात
छोड़ द्वन्द की दोस्ती
हो कान्हा के साथ

अशोक व्यास
२० जून २००५ को लिखी पंक्तियाँ
२ अप्रैल २०१० को लोकार्पित

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