Thursday, April 1, 2010

सदा उसी के साथ


जीवन अमृत धार है
जान सके तो जान
श्याम कृपा से हो रही
हर मुश्किल आसान


कर्म कराये सांवरा
बैठा रहूँ निशंक
श्याम नाम के आसरे 
राजा हो चाहे रंक 

कान्हा की सेवा करूं 
या कान्हा की बात
वो जैसे चाहे रहूँ
सदा उसी के साथ


अशोक व्यास 
न्यूयार्क, अमेरिका
सुबह ६ बज कर २७ मिनट
१८ जून ०५ को लिखी
१ अप्रैल २०१० को लोकार्पित

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