जीवन अमृत धार है
जान सके तो जान
श्याम कृपा से हो रही
हर मुश्किल आसान
कर्म कराये सांवरा
बैठा रहूँ निशंक
श्याम नाम के आसरे
राजा हो चाहे रंक
कान्हा की सेवा करूं
या कान्हा की बात
वो जैसे चाहे रहूँ
सदा उसी के साथ
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
सुबह ६ बज कर २७ मिनट
१८ जून ०५ को लिखी
१ अप्रैल २०१० को लोकार्पित
No comments:
Post a Comment