Saturday, August 21, 2010

श्री हरी कृपा

 
शब्द नहीं
चरण चिन्ह 
श्री हरी के

कृपा कर
श्याम प्रभु
मन उपवन से
निकले हैं
अभी

मंगल
सुन्दर
सूर्य जगा है

नमन 
प्रणाम
जय जय
घनश्याम

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
९ जनवरी १९९५ को लिखी पंक्तियाँ
२१ अगस्त २०१० को लोकार्पित

1 comment:

Ravi Kant Sharma said...

अति सुन्दर भाव.....

त्रिसमय युगल चरण चित धावे, जय श्री राधा
सो नर जगत परमपद पावे, जय श्री कृष्णा