Wednesday, October 6, 2010

लय अक्षय की

 
लय अक्षय की
बनी रहे
मन
ऐसा कर बर्ताव,
ऐसा पथ अपना 
जिस पर
कान्हा संग
बढे लगाव

अशोक व्यास
३ जनवरी २००६ को लिखी
६ अक्टूबर २०१० को लोकार्पित

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