कृष्ण नाम रस धार में
मधुर समन्वित राग,
शीतल मन का साथ है
मिट गयी सारी आग,
अनुपम प्रेम प्रसार है
श्री चरणों का सुमिरन
निश्छल मन करने लगे
कण कण का आलिंगन
अद्भुत तेरे नाम का
है ऐसा परताप
मित्र बना सारा जगत
सुने प्रेम आलाप
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
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