Sunday, April 18, 2010

मधुर छवि मेरे कान्हा की






कान्हा कौन है 
कान्हा प्यारा है

कान्हा कैसा है
कान्हा न्यारा है

प्यारा कौन है
कान्हा प्यारा है

न्यारा कौन है
कान्हा न्यारा है

हमारा कौन है
कान्हा हमारा है


मनमोहन सरकार हमारे
चलें लिए मुस्कान
हरते जाते हैं मन उसका
जिसका पाते ध्यान


गोविन्द गोविन्द गोविन्द गोविन्द

मीठी है मुस्कान मधुर मेरे कान्हा की
लगती है हर बात मधुर मेरे कान्हा की
दिखने में चाहे एकाकी दिखा करूं
साथ निरंतर मधुर छवि मेरे कान्हा की


अशोक व्यास
१४ जुलाई १९ जुलाई और २२ जुलाई २००५ को लिखी
१८ अप्रैल २०१० को लोकार्पित 

1 comment:

amritwani.com said...

bahut khub

karinshan ki kavita bahut achi lagi

is ke liye badhai aap ko



shekhar kumawat


http://kavyawani.blogspot.com