Wednesday, April 21, 2010

देकर श्याम को श्याम


द्वार कृष्ण के पहुँच कर
पूछे अपना नाम
पता करे, क्या है मेरा
जिसे चढाऊं श्याम

नहीं मेरा कुछ भी कहीं
मेरा बस एक श्याम
श्याम सहारे चला चल 
देकर श्याम को श्याम


अशोक व्यास
२ अगस्त ०५ को लिखी
२१ अप्रैल २०१० को लोकार्पित

1 comment:

Ravi Kant Sharma said...

अशोक जी, आपके हृदय में स्थित ऋषिकेश श्री कृष्ण को शत्-शत् प्रणाम!
यही सत्य है!
नहीं मेरा कुछ भी कहीं, मेरा बस एक श्याम।
श्याम सहारे चला चल, देकर श्याम को श्याम॥