जड़ता से जकड़ा हुआ, जोड़ ना पाऊँ हाथ
नयन दीप में प्रार्थना, मुक्ति दो यदुनाथ
जीवन धन है श्याम रंगा मन
रंग गया तो हो गया निर्धन
रंग तिहारा राखना, ओ कान्हा सरकार
क्षमा करो मम मूढ़ता, बरसो तव प्यार
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१४ और १५ जुलाई १९९८ को लिखी
११ फरवरी २०११ को लोकार्पित
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