Friday, February 18, 2011

इतना सा बस ज्ञान करा दो गिरिधारी


फिर अपनी पहचान करा दो गिरिधारी
फिर से अपना ध्यान करा दो गिरिधारी

संग तुम्हारा संग नहीं रहता है क्यों
ये मुश्किल आसान करा दो गिरिधारी

 ओ मनमोहन, सबका मन हरने वाले
मोहक बंशी तान सुना दो गिरिधारी

छोड़ तुम्हें अब और कहीं न जाए मन
इतना सा बस ज्ञान करा दो गिरिधारी

तुम रसिया हो, जाने है ये जग सारा
अमृत रस का पान करा दो गिरिधारी

जिसको ध्याये ध्यान तुम्हारा बना रहे
ऐसी गति का ध्यान धरा दो गिरिधारी

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका 
२५ जुलाई १९९८ और १८ फरवरी २०११ 
  

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