Monday, February 28, 2011

श्याम सखा को भूल


चुप कर मन ओ बावरे
काहे फांके धुल
इधर उधर भागा करे
श्याम सखा को भूल

वो बांकी मूरत मधुर
करती खेल निराले
कभी महल की मौज में
कभी छाँव के लाले


अशोक व्यास
         १४ जून १९९७ को लिखी
२८ फरवरी २०११ को लोकार्पित 

No comments: