कान्हा मुख मंडल
मौन सघन
ज्यों ठहर गया
कोई चिंतन
मुखरित होने के लिए कहे
पहले दे दो अपना तन मन
२
समय श्याम संग सुन्दर शाश्वत
श्याम समय संग सत्य अनावृत
आनंद मंगल दिव्य दिवाकर
उजली किरण श्याम गुण गाकर
प्रेम प्रसार परम पद निर्मल
रहो श्याम सेवा में हर पल
अशोक व्यास
१९ और २० अप्रैल ०७ को लिखी
१२ फरवरी १० को लोकार्पित
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