Monday, February 22, 2010

माँ तेरी महिमा गानी है


मन आनंदित आश्वस्त अटल
माँ करे कृपा, देती संबल

जब उसकी गोदी मिली मुझे
बिन मांगे पाया, जगत सकल

माँ प्रेम सुधा बरसाए है
रक्षा करता शाश्वत अंचल

माँ तेरी महिमा गानी है
देना पथ सृजनशील उज्जवल

२६ सितम्बर ०६ को लिखी 
२२ फरवरी २०१० को लोकार्पित

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