Tuesday, December 14, 2010


प्रेम श्याम का
झंकृत तन-मन
निर्मल सुन्दर
अंतस पावन

करूणामय की
कथा निराली
अनुपम, अद्भुत
कृपा का सावन

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
२० जनवरी २००६ को लिखी
१४ दिसंबर २०१० को लोकार्पित

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