गोवर्धन धर श्याम बिहारी मुस्काये
मेघ गरजता रहा, श्याम कब घबराए
मेघ थके जब बरस, इन्द्र तब थर्राए
क्षमा याचना सुनी, श्याम फिर मुस्काये
लिए परम आश्वस्त भाव, पीड़ा हरने
भक्त वत्सला, श्याम सदा उर में आये
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१७ जनवरी २००६ को लिखी
२९ दिसंबर २०१० को लोकार्पित
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