Monday, December 13, 2010

मुरली मनोहर की बतिया

ताक झांक कर राधा रानी 
मुरली मनोहर की बतिया सुन 
स्वांग करे कुछ 
मन ही मन तो ध्यान लगाए 
भांप गये सब यदुनंदन तो
बंशी बजा कर फिर मुस्काये 
अशोक व्यास 
न्यूयार्क, अमेरिका 
२४ मार्च २००६ को लिखी 
१३ दिसंबर २०१० को लोकार्पित 

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