मंगल सुमिरन नाम श्याम का
तोहफा चिर विश्राम श्याम का
भक्तों का स्वागत करता है
परम प्रेम रस धाम श्याम का
केवल कृष्ण नाम रस पान
पा सकते हैं भक्त महान
बड़ी मिलावट हो जाती
करते हैं जब हम गुणगान
अपना प्रेम उजागर कर
इस नदिया को सागर कर
ओ गोकुलवासी कान्हा
मेरे मन अपना घर कर
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
२-४ अक्टूबर २००५ को लिखी
१५ मई २०१० को लोकार्पित
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