Saturday, May 15, 2010

मेरे मन अपना घर कर



मंगल सुमिरन नाम श्याम का
तोहफा चिर विश्राम श्याम का

भक्तों का स्वागत करता है
परम प्रेम रस धाम श्याम का

केवल कृष्ण नाम रस पान
पा सकते हैं भक्त महान
बड़ी मिलावट हो जाती
करते हैं जब हम गुणगान


अपना प्रेम उजागर कर
इस नदिया को सागर कर
ओ गोकुलवासी कान्हा
मेरे मन अपना घर कर

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
२-४ अक्टूबर २००५ को लिखी 
१५ मई २०१० को लोकार्पित

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