श्याम प्रेम में जो रम जाए
करुणा सिन्धु उसे अपनाए
मौन नगर में लेकर जाए
और कृपा का स्नान कराये
जन्म जन्म से संचित है जो
अहंकार वह दूर हटाये
निर्मल प्रेम उजागर करके
शरण वरण सौंदर्य दिखाए
दिव्य चेतना मुखरित होवे
रोम रोम में श्याम समाये
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
सुबह ८ बज कर ३५ मिनट
बुधवार, २६ मई २०१०
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