प्यारा मनमोहन
सुमिरन सावन
ज्योतिर्मय है
मन का उपवन
सकल सृष्टि में प्रेम उजागर
मुरलीधर है करुणा सागर
बंशी ध्वनि सुन सारे जग में
छलक रहा है पावन निर्झर
दीप पर्व पर प्रेम पखारे
आये हम मैय्या के द्वारे
शांति, प्रेम, श्रद्धा शाश्वत दे
मैय्या करती वारे न्यारे
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१ मई २००५ को लिखी
२३ मई २०१० को लोकार्पित
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