Sunday, May 23, 2010

मैय्या करती वारे न्यारे







प्यारा मनमोहन
सुमिरन सावन
ज्योतिर्मय है
मन का उपवन

सकल सृष्टि में प्रेम उजागर 
मुरलीधर है करुणा सागर 
बंशी ध्वनि सुन सारे जग में
छलक रहा है पावन निर्झर


दीप पर्व पर प्रेम पखारे
आये हम मैय्या के द्वारे 
शांति, प्रेम, श्रद्धा शाश्वत दे
मैय्या करती वारे न्यारे


अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१ मई २००५ को लिखी
२३ मई २०१० को लोकार्पित

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