Wednesday, September 1, 2010

लय अक्षय की

 
लय अक्षय की
बनी रहे
मन
ऐसा कर बर्ताव,
 
ऐसा पथ अपना 
जिस पर
कान्हा संग
बढे लगाव

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
३ जनवरी २००६ को लिखी
१ सितम्बर २०१० को लोकार्पित

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