Tuesday, September 7, 2010

केशव प्रेम पराग

सत्य तुम्हारा रूप है
सत्य तुम्हारा भाव
प्यार तुम्हारा सत्य है
और नहीं कुछ चाव

जीवन रस छल छल बहे
लिए राग-अनुराग
खींचे मधुकर मंगल मन
केशव प्रेम पराग

जय श्री कृष्ण

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
९ मई २०१० को लिखी
७ सितम्बर २०१० को लोकार्पित

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