मन मोहन मन भवन कृष्ण
नित्य कृपा का सावन कृष्ण
मुरलीधर है मोर मुकुट संग
दिव्य सघन वृन्दावन कृष्ण
रास रचैय्या गिरिधारी
करे प्रेम से पावन कृष्ण
बाल रूप से मोहे मैय्या
है तो सत्य सनातन कृष्ण
सुमिरन रस से पता चले है
मन में चिर अपनापन कृष्ण
अशोक व्यास
११ अक्टूबर २००७ को लिखी
९ जून २०१० को लोकार्पित
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