Friday, June 25, 2010

एक अबोला क्षण


शब्द कृपा है
'कृपा' शब्द है
आनंद का यह भाव अनूठा
परे शब्द के
रूप, रस, स्पर्श, गंध के
परे काल से भी
यह है जो
एक अबोला क्षण
जिसमें
कान्हा के संग हुआ
निर्द्वंद
निरामय
इस असीम का छोर 
छुआ फिर
धन्य हुआ
बोलूँ जय जय

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
२१ अप्रैल २००४ को लिखी
२५ जून २०१० को लोकार्पित

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