पावन, मंगल, उज्जवल श्याम
दग्ध करे सब कलिमल श्याम
निर्मल मन में शीतल श्याम
जीवन पथ का संबल श्याम
गोविन्द, माधव, मुरहर श्याम
आनंद प्रेम मनोहर श्याम
खेल करे, छुप भीतर श्याम
सच्चा प्रियतम मधुकर श्याम
अपनेपन का सागर श्याम
अनुगृह दिव्य प्रभाकर श्याम
मुस्काये, गिरिराज धारण
करुण सुधारस लाकर श्याम
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
५ सितम्बर २००७ को लिखी
५ सितम्बर २००७ को लिखी
१ जून २०१० को लोकार्पित
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