वृन्दावन में एक मोड़ खड़ी
तकती सूनी पगडंडी को
सूनी आंखे ले गोप सखी
सोचे
क्यूं श्याम नहीं आये?
२
ले पवन पंख
भागे उमंग
प्यासी हिरनी
छाया के संग
अनुभव गंगा से पूछ रही
क्यूं छोड़ जाता शिव की निकली
है कौन दिशा गंतव्य कहो?
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
२८ अक्टूबर २००७ को लिखी
१३ जून २०१० को लोकार्पित
1 comment:
shukriya aap ka
badhao aap ko
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