मेरा प्रियतम बंशी वाला
उसे बुलाते है गोपाला
उसका नाम बड़ा मीठा है
स्वाद दिलाये मिसरी वाला
वो गायों का है रखवाला
दीखता तो है भोला भाला
मगर चतुर है, ढूंढ निकाले
माखन जो है मटकी वाला
भोली सी है ब्रज की बाला
शुद्ध प्रेम की अद्भुत माला
सांस सांस से बना रही है
खोले हर बंधन का ताला
जय जय जय हो कृष्ण मुरारी
पावन करते सृष्टि सारी
जो जो लीलारस में डूबे
उन भक्तो की है बलिहारी
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
८ अप्रैल २०११
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