Wednesday, April 13, 2011

कान्हा खिलखिलाया


आज लगता है
वो रूठा ही रहेगा

आपस में फुसफुसा कर
कान्हा की चुगली करने पर
अफ़सोस कर रही थी सखियाँ

तभी बात करते करते
उठते हुए
दो सखियों का सर टकराया
ना जाने कब किसने
दोनों की
चोटियों को बाँध कर ये दृश्य बनाया

वो कुछ समझ पातीं
इससे पहले
पेड़ के पीछे
ग्वाल बाल संग कान्हा खिलखिलाया


अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१३ अप्रैल 2011              

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