कृष्ण मेरी वो गेंद तुम्हारे पास रही
उसकी हर एक छुवन मेरी तो खास रही
तुम क्यूं अपने साथ ले गए खेल मेरा
वो छोटी थी, पर मेरा तो विश्वास रही
कृष्ण तुम्हारे नाम शिकायत लिखवाये
मन मेरा सब सच कहने को उकसाए
चोरी माखन की करने में हम भी थे
मगर हमेशा नाम तुम्हारा ही आये
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
९ अप्रैल २०११, शनिवार
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