कृष्ण नाम से उजियारा
आनंद प्रेम का
धन्य हुआ
अब फिर फूटे फव्वारा
आनंद प्रेम का
धन्य हुआ
श्याम कृपा से जग सारा
आनंद प्रेम का
धन्य हुआ
२
मन शांत, अचंचल
मधुर भक्तिरस पान करे
मन मोहन की
बांकी चितवन का ध्यान धरे
हो कृत्य कृत्य
अमृतसिन्धु में स्नान करे
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
२ मई 2005 को लिखी
कुछ संशोधन सहित
२० मार्च २०१० को लोकार्पित
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